Delhi में तैनात होंगे जलदूत, लगेंगे वाटर कूलर

Delhi की सड़कों पर तपती धूप और बढ़ते तापमान ने आम लोगों का जीवन मुश्किल कर दिया है। पारा लगातार 45 डिग्री सेल्सियस के करीब पहुँच रहा है, जिससे न केवल आम जनजीवन प्रभावित हो रहा है, बल्कि स्वास्थ्य संबंधी खतरे भी बढ़ गए हैं। ऐसी स्थिति में Delhi सरकार ने एक बड़ी और बहुप्रतीक्षित राहत योजना की घोषणा की है — “जलदूत योजना”।

Delhi सरकार की गर्मी से निपटने की नई रणनीति

इस योजना के अंतर्गत दिल्ली के 1,525 बस स्टॉपों पर जलदूत तैनात किए जाएंगे, जो यात्रियों और राहगीरों को स्वच्छ और ठंडा पेयजल उपलब्ध कराएंगे। यह योजना न केवल लोगों को तात्कालिक राहत देगी, बल्कि शहर में जल संकट और हीट स्ट्रोक जैसी स्थितियों से निपटने के लिए एक व्यवस्थित कदम भी मानी जा रही है।

Delhi govt's new strategy to deal with the heatwave
Delhi में तैनात होंगे जलदूत, लगेंगे वाटर कूलर

जलदूत योजना: क्या है इसकी विशेषता?

“जलदूत योजना” के तहत तैनात किए गए जलदूत अस्थायी कर्मचारी होंगे या वालंटियर, जो एक बड़े कंटेनर में साफ पीने योग्य पानी लेकर आएंगे। वे बस स्टॉप पर यात्रियों को नि:शुल्क पानी बांटेंगे, जिससे वे डिहाइड्रेशन और हीट स्ट्रोक से बच सकें।

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प्रत्येक जलदूत को कुछ विशिष्ट जिम्मेदारियाँ सौंपी जाएंगी:

स्वच्छ जल वितरण करना
पानी को साफ और ठंडा बनाए रखना
कंटेनर की सफाई और भराव की निगरानी करना
यात्रियों को जल सेवन के लिए प्रेरित करना

सरकार का उद्देश्य है कि कोई भी व्यक्ति, जो सार्वजनिक परिवहन की प्रतीक्षा कर रहा है, वह बिना पानी के ना रहे। जलदूत एक तरह से “चलित जलसेवक” होंगे जो जनकल्याण के लिए तत्पर रहेंगे।

बस स्टॉप पर जल सुविधा: स्वास्थ्य और सामाजिक दृष्टिकोण से बड़ा कदम

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Delhi में तैनात होंगे जलदूत, लगेंगे वाटर कूलर

बस स्टॉप जैसे सार्वजनिक स्थानों पर लोग गर्मी में घंटों खड़े रहते हैं। प्यास लगने पर अक्सर उन्हें दुकानों से महंगे बोतलबंद पानी खरीदना पड़ता है या वे पीने योग्य पानी के लिए लंबी दूरी तय करने को मजबूर होते हैं। ऐसे में यह योजना सामाजिक न्याय की दृष्टि से भी अत्यंत प्रासंगिक है, क्योंकि इससे निम्न आय वर्ग के लोगों को राहत मिलेगी, जो गर्मी से सबसे ज्यादा प्रभावित होते हैं।

जलदूत योजना के ज़रिए सरकार दोहरे उद्देश्य को साध रही है:

तत्कालिक राहत और जल उपलब्धता सुनिश्चित करना
पेयजल वितरण को एक सेवा और सामाजिक जिम्मेदारी के रूप में प्रस्तुत करना

वाटर कूलर: जलदूत योजना का स्थायी विस्तार

जलदूत योजना के साथ-साथ दिल्ली सरकार ने पायलट प्रोजेक्ट के रूप में 25 चयनित स्थलों पर वाटर कूलर लगाने की घोषणा भी की है। इन वाटर कूलर की खास बात यह है कि इन्हें विशेष रूप से गर्मी में अत्यधिक भीड़ वाले स्थानों — जैसे प्रमुख बाजार, बस डिपो, अस्पताल परिसर आदि — पर लगाया जाएगा।

इसके अतिरिक्त, 25 बस डिपो पर भी ठंडे पानी की स्थायी व्यवस्था की जाएगी। यह उन हजारों ड्राइवरों, कंडक्टरों और डिपो कर्मचारियों के लिए राहत लेकर आएगा, जो दिनभर कठिन परिस्थितियों में कार्य करते हैं।

ई-टेंडर प्रक्रिया के माध्यम से इन वाटर कूलरों की खरीद और इंस्टॉलेशन के लिए पारदर्शी प्रक्रिया अपनाई जा रही है। सरकार का लक्ष्य है कि इस वर्ष के अंत तक इन सभी स्थलों पर वाटर कूलर सक्रिय हो जाएं।

हीट एक्शन प्लान 2025: एक समग्र दृष्टिकोण

Delhi सरकार की यह पहल केवल जलदूत और वाटर कूलर तक सीमित नहीं है। अप्रैल 2025 में दिल्ली सरकार ने हीट एक्शन प्लान 2025 लॉन्च किया था। यह योजना भारत के उन चुनिंदा शहरी प्रयासों में से एक है, जो भीषण गर्मी के संकट से निपटने के लिए समग्र और वैज्ञानिक रणनीति अपनाते हैं।

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Delhi में तैनात होंगे जलदूत, लगेंगे वाटर कूलर

हीट एक्शन प्लान के मुख्य बिंदु हैं:

आपातकालीन स्वास्थ्य प्रतिक्रिया तंत्र: सरकारी अस्पतालों में विशेष वार्ड तैयार किए गए हैं जहां हीट स्ट्रोक और डिहाइड्रेशन के मरीजों का तत्काल इलाज हो सके।

कूलिंग शेल्टर की व्यवस्था: ऐसे स्थान जहां लोग दोपहर के समय आराम कर सकें और शरीर का तापमान सामान्य रख सकें।

छायादार ढांचे और शेड: प्रमुख सार्वजनिक स्थलों पर, खासकर बस स्टॉप, रेलवे स्टेशन, बाजार आदि में।

जन जागरूकता अभियान: नागरिकों को गर्मी से बचने के लिए आवश्यक सावधानियों और स्वास्थ्य सुझावों के बारे में जागरूक किया जा रहा है।

सरकार ने स्कूलों, निगम कार्यालयों, निर्माण स्थलों और रैन बसेरों में भी ग्रीष्मकालीन राहत उपाय लागू करने की दिशा में कदम बढ़ाए हैं।

क्यों है यह योजना विशेष?

Delhi सरकार की यह योजना केवल एक “रिलीफ स्कीम” नहीं है, बल्कि यह जल अधिकार और जीवन की गरिमा से जुड़ा एक व्यापक सामाजिक प्रयास है। यह दर्शाता है कि सरकार गर्मी जैसी मौसमी आपदा को एक सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल के रूप में देख रही है और इससे निपटने के लिए नीतिगत और व्यावहारिक समाधान लागू कर रही है।

इसके अलावा, यह पहल हरित और स्थायी शहरी योजना की दिशा में भी एक कदम है, क्योंकि इससे निजी बोतलबंद पानी पर निर्भरता कम होगी, प्लास्टिक उपयोग घटेगा, और सामुदायिक जल संसाधनों का सम्मान बढ़ेगा।

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